" घने काले बादलो की घटा  हे छाई...,
तेरे  हुसन के  दिदार तले उसने ली अंगडाई...,
एक तरफ थी चांद  की  रोषनी ओर एक तरफ थी चांद की  परछाई...,
तुजे देख  बादल भी उलझ सा गया ....!!!,
चांद को छुपाउ तो केसे करू दिदार चांदकी परछाई का........!!!!! "

"શબ્દ ખેલ"

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